पटना : #पत्रकार अभिषेक मिश्रा के साथ अन्य मीडियाकर्मी द्वारा मारपीट सर्वथा अनुचित है। इस प्रकार की घटनाओं से मीडिया की साख गिरती है।

पत्रकारों का हथियार कलम हुआ करता था, अब माइक भी उसमें जुड़ गया है। हाथापाई पत्रकारों को शोभा नहीं देती।

मैं पत्रकार अभिषेक मिश्रा को सोशल मीडिया के माध्यम से फर्स्ट बिहार के पेज पर देखता आया हूं। आज उन्हें इस तरह अवसाद में देखकर दुखी हूं।

मैं सभी पत्रकारों से आग्रह करता हूं कि ऐसी हिंसात्मक गतिविधियों की भर्त्सना करें एवं हिंसा करने वाले मीडियाकर्मियों के साथ असहयोग करने का निर्णय लें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।

धनंजय कुमार सिन्हा, पत्रकार



Post a Comment

Previous Post Next Post