दिल्ली-नोएडा में कोरोना का सामुदायिक फैलाव हो चुका है। कोरोना वारियर्स पत्रकार तेजी से इस विषाणु के विष से विषाक्त हो रहे हैं। इन सबके बीच नोएडा में पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे भावी पत्रकार आंदोलन कर रहे हैं।

दरअसल, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विद्यालय का नोएडा कैंपस को बंद करने का फरमान मध्य प्रदेश के कमलनाथ सरकार ने जारी किया था। यह विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश सरकार के अधीन आता है, जिसका एक शाखा नोएडा में भी है। छात्र कैंपस बचाने की मांग काफी दिनों से कर रहे थे। सरकार बदलने के बाद छात्रों की आस जगी कि नई सरकार खबरनवीसों की व्यथा को समझेगी।

नई सरकार से भी निराश हो जाने के बाद छात्रों के समर्थन में छात्र संगठन एबीवीपी भी आ गई और सोमवार को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शिवराज सरकार और कुलपति संजय द्विवेदी से कैंपस को पुनः मान्यता देने की मांग की। एबीवीपी को भाजपा का ही छात्र इकाई माना जाता है। ऐसे में भाजपा सरकार के ही खिलाफ छात्र हित में आवाज उठाना सराहनीय है।

नोएडा कैंपस में पढ़ाई कर रहे जनसंचार विभाग के छात्र गौरव कुमार ने बताया कि "नोएडा मीडिया हब है, देश के सभी अग्रणी मीडिया संस्थान यहीं हैं। नॉएडा कैंपस में पढ़ने का लाभ है कि पढाई के साथ-साथ बिना किसी विशेष भाग-दौर के इंटर्नशिप मिल जाती है और आर्थिक रूप से कमजोर छात्र पार्टटाइम नौकरी भी कर लेते हैं। इस कैंपस के बंद हो जाने के बाद हमें पढ़ाई करने भोपाल जाना होगा और हम राष्ट्रीय मीडिया से दूर हो जायेंगे। नोएडा में पढ़ने के लिए निजी संस्थानों की मोटी फीस चुकानी होगी।

प्रदर्शन कर रहे छात्र और एबीवीपी कार्यकर्ता ने विवि के कुलाधिपति उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू से भी मामले में संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।

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