माखनलाल चतुर्वेदी विवि भोपाल में दो जातिवादी प्रोफेसरों के ट्वीट और छात्रों जाति पूछने से शुरू हुआ हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. एमसीयू के सभी पूर्व छात्र और भोपाल के सभी पत्रकार भी विवि के छात्रों के समर्थन में उतर आएं हैं. मामले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विवि ने 23 छात्रों को निष्काषित कर दिया है. जिसमें बिहार और झारखंड के भी कई छात्र शमिल हैं. 



निष्काषित हुए बिहार झारखंड के छात्रों में निशिता सिंह, मीडिया मैनेजमेंट से एमबीएए कर रही है. वह नवादा बिहार की रहने वाली हैं. इसके साथ ही रवि भूषण कुमार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग में पढ़ाई कर रहे हैं. वह छपरा बिहार के रहने वाले हैं. रजनीश तिवारी, एम.ए पत्रकारिता विभाग में पढ़ाई कर रहे हैं. वह जिला बक्सर के रहने वाले हैं. वहीं राहुल कुमार, मीडिया प्रबंधन विभाग में पढ़ रहे हैं. वह पटना के रहने वाले हैं. जबकि इस सूची में झारखंड के सौरभ कुमार भी शामिल हैं जो रामगढ़ झारखंड के हैं और एमए पत्रकारिता विभाग में पढ़ाई कर रहे हैं. इन सभी पर विश्वविद्यालय ने गाज गिराई है. 



दरअसल दिलीप मंडल और मुकेश कुमार की नियुक्ति इसी वर्ष बतौर गेस्ट फैकल्टी हुई थी. इंडिया टूडे और iimc से निकाले जा चुके दिलीप मंडल छात्रों के तिलक करने, हाथ में कलावा बांधने का मजाक बनाते थे, कुछ छात्रों को पूरा नाम पूछकर कहते थे अच्छा फलाने जात के हो. विवि के सवर्ण छात्रों ने इसका विरोध किया, कुलपति के अनुपस्थिति में रजिस्टार से इसकी शिकायत की लेकिन उन्होंने कुलपति के आने पर शिकायत उनसे करने की बात कही.



छात्रों ने जब इस घटना की शिकायत कुलपति से की और अपनी मांगे रखीं तो उन्होंने कहा कि प्रोफेसर पर आपकी आरोप की 15 दिन के अंदर जांच कराई जाएगी. रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी, लेकिन छात्र बर्खास्त करने की मांग पर अड़े रहे. कुलपति के इंकार करने के बाद कुलपति चैंबर के बाहर धरने पर बैठ गए. कुलपति से बातचीत के दौरान चैंबर का कांच भी टूट गया था. जिस कारण प्रशासन ने तोड़फोड़ का भी आरोप लगाया जबकि छात्रों का कहना है कि जगह संकुचित थी और छात्रों की संख्या अधिक हो गई थी जिस कारण धक्का मुक्की हुई और अनजाने में कांच टूट गया.


चैंबर के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को हटाने के लिए प्रशासन ने पुलिस बुला लिया. कैंपस में पहुंची पुलिस टीम छात्रों को पांचवें तल से घसीटते हुए नीचे तक लाई. जिसमें कुछ छात्रों को गंभीर चोटें भी आई. रवि भूषण के नाक से खून निकला, मप्र के विदिशा के आशुतोष भार्गव का पैर टूट गया तो वहीं भोपाल के ही अभिलाष ठाकुर को हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ा. जहां पूरी रात उसे ऑक्सीजन पर रखा गया.

विवि प्रशासन के इस फैसले के विरोध और छात्रों के समर्थन में अब विपक्ष भी आ गई. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी ट्वीट कर विवि के फैसले को गलत बताया और छात्रों के निष्कासन रद्द करने की मांग की. इस मामले में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर विवि की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने लिखा ‘यह कार्रवाई बच्चों की आवाज दबाने व लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास है. छात्रों को निष्कासित कर उनके भविष्य को तबाह करने के षड़यंत्र को हम कामयाब नहीं होने देंगे. छात्रों की सभी जायज मांगे मानी जाएं और उनका निष्कासन तुरंत वापस लिया जाए’.



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