पत्रकार पुष्य मित्र के फेसबुक वाल से - 

कल बिहार सरकार द्वारा आयोजित मानव श्रृंखला का कवरेज हिंदुस्तान अखबार ने 10 पन्नों में किया है, प्रभात खबर ने 8 पन्नों में। दैनिक जागरण, आज और सहारा मेरे घर आता नहीं, इसलिये बता नहीं सकता।
दिलचस्प है कि दैनिक भास्कर ने इस खबर को सिर्फ तीन पन्नों में आधे आधे पन्ने की जगह दी है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी यही किया है।इन चारों अखबार के पहले पन्ने को देखिये। हिंदुस्तान और प्रभात खबर के लिये यह सबसे बड़ी और ऐतिहासिक खबर है। पहले पन्ने पर आठ कॉलम में छपी है। भास्कर ने भी आठ कालम जगह दी है। हिंदुस्तान ने पहले पन्ने पर विशेष संपादकीय भी लिखा है। टाइम्स ऑफ इंडिया के लिये यह सेकेंड लीड है।
किसी भी अखबार ने यह सवाल नहीं किया कि इस भीषण ठंड में लोगों को बेवजह क्यों सड़क पर खड़ा किया गया। इस वजह से दो लोगों की मौत भी हो गयी। सरकारी पैसों का ऐसा दुरुपयोग क्यों?यह सब इसलिये लिखा है कि इन तथ्यों से बिहार के अखबारों का चरित्र समझा जा सकता है। अलग अलग अखबारों का चरित्र भी अलग अलग दिखता है। विश्लेषण करना आपका काम है।




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