रेल दुर्घटना की खबर को कवरेज कर रहे हिन्दुस्तान के प्रतिनिधि संतोष कुमार के साथ दानापुर के डीआरएम रंजन प्रकाश ठाकुर द्वारा बदसलूकी का मामला सामने आया है. मिली जानकारी के अनुसार किऊल-गया रेलखंड के कुरौता रेलवे स्टेशन के पास भैंस के टकराने से सोमवार की सुबह एक ईएमयू ट्रेन बेपटरी हो गई थी. हिन्दुस्तान अखबार के पत्रकार संतोष कुमार कवरेज के लिए मौके पर पहुंचे थे और हादसे की खबर कवरेज के दौरान घटनास्थल पर मौजूद कमांडेंट चित्रेश जोशी की तस्वीर ले रहे थे, तभी डीआरएम आ धमके और आई कार्ड मांगने लगे. तत्काल पत्रकार ने आई कार्ड देने में असमर्थता जतायी, तो उन्होंने मौजूद आरपीएफ के जवानों को पत्रकार को हिरासत में लेने का निर्देश दे दिया. डीआरएम ने खुद पत्रकार का मोबाइल छीनकर एक पुलिसवाले को सौंप दिया.
हालांकि वहां मौजूद स्थानीय रेल अधिकारियों ने डीआरएम को यह बताया कि ये पत्रकार ही हैं और रेलवे की खबरों को संकलन करते हैं. इसपर डीआरएम जानकारी दे रहे अधिकारियों पर भड़क गए. पत्रकार घटनास्थल पर मौजूद कमांडेंट चित्रेश जोशी की तस्वीर ले रहे थे. इधर पत्रकार को हिरासत में लिए जाने से वहां मौजूद अन्य पत्रकार आक्रोशित हो गए. पत्रकारों के दबाव के बाद हिरासत में लिए गए पत्रकार को छोड़ा गया.
इस संबंध में जब हिंदुस्तान अखबार ने वरीय अधिकारीयों ने सोमवार की देर शाम कमाडेंट से दूरभाष पर संपर्क करने की कोशिश की तो फोन रिसीव नहीं किया गया.
इस घटना के बाद जिले के अन्य पत्रकारों में काफी रोष है. पत्रकार संतोष कुमार के साथ डीआरएम द्वारा की गई बदसलूकी का पत्रकारों ने विरोध किया है। इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत सम्राट ने बताया कि घटना बेहद निंदनीय है. उन्होंने कहा कि डीआरएम के खिलाफ एक पत्र मंत्रालय को भेजा जा रहा है. जिलास्तर के कमेटी को बैठक कर आगे की रणनीति तैयार करने का निर्देश दिया गया है. डीआरएम द्वारा इस तरह की हरकत कर अपनी नाकामी छिपाने और पत्रकारों को उनके कर्तव्य से बिमुख करने की साजिश की गई है. संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार, महासचिव अजय कुमार उर्फ विजय झा, विश्वनाथ गुप्ता, रामायण कुमार, मनोज कुमार, संतोष कुमार पांडेय, सिकंदर विद्यार्थी, दिवाकर कुमार, जन्मोजय भारती सहित अन्य ने एक हस्ताक्षरयुक्त पत्र तैयार किया है.
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