आईसीयू में रिपोर्टिंग और डॉक्टरों के साथ अफसरी अंदाज में सवाल-जवाब करने के चलते आलोचना झेल रहीं आजतक की स्टार एंकर अंजना ओम कश्यप हर संभव प्लेटफॉर्म पर सफाई पेश कर रही हैं। ट्विटर के बाद अब उन्होंने फेसबुक पर अपने अंदाज को वाजिब करार दिया है। करीब दो महीने बाद अंजना ने फेसबुक का रुख किया है। इससे पहले उन्होंने आखिरी बार 23 अप्रैल को चुनावी पोस्ट की थी।
ट्विटर के इतर अंजना ने फेसबुक पर जो सफाई पेश की है, उसमें उन्होंने इतना अतिरिक्त जोड़ दिया है कि वो विपरीत परिस्थितयों में डटे डॉक्टरों का सम्मान करती हैं।
अपनी सफाई की शुरुआत अंजना ने दुष्यंत कुमार की लोकप्रिय कविता ‘कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो, लोग कहते थे कि ये बात नहीं कहने की तुमने कह दी है तो कहने की सजा लो यारो’ से की है। कविता के माध्यम से उन्होंने यह बताने का प्रयास किया है कि उन्होंने केवल जर्जर हो चुकी व्यवस्था पर चोट की है और इसके लिए मिल रहीं आलोचनाओं का उन्हें कोई अफसोस नहीं।
सफाई के इस विडियो में अंजना कहती हैं, ‘मैंने भी अपनी रिपोर्ट से उस सिस्टम पर एक पत्थर फेंका है, जिसमें साल बदल जाते हैं, मौत के आंकड़े बदल जाते हैं, पर हालात नहीं बदलते। ये पत्थर उसी हालात को बदलने के लिए है, अगर ऐसा होता है तो यह बतौर पत्रकार मेरे पेशे की सबसे बड़ी कामयाबी होगी, क्योंकि हमारा काम सिर्फ कालीन की खूबसूरती की आड़ में छिपी गंदगी को सामने लाना है।’
35 सेकंड के इस विडियो में अंजना ने कहीं भी रिपोर्टिंग के दौरान अपने अंदाज़ पर माफी नहीं मांगी, न ही उन्होंने डॉक्टर या अस्पताल स्टाफ को उनकी वजह से हुई असुविधा का जिक्र किया। विडियो के साथ उन्होंने बस इतना जरूर लिखा है, ‘हमारा मकसद ‘ICU’ के बद्तर हालात की सच्चाई को देश के सामने लाना था। हमारा मकसद ये है कि सुशासन की चमक के सियासी बखान में चमकी बुखार से पीड़ित परिवारों के घरों का अंधेरा खो ना जाए। ऐसे अस्पताल का सच,जो खुद ICU में है! हम उन डॉक्टरों का सम्मान करते हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में डटे हैं।’
अंजना की इस पोस्ट पर 11 हजार से ज्यादा लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। 10 हजार के आसपास कमेंट्स हैं और 630 बार इसे शेयर किया जा चुका है। कमेंट बॉक्स में नजर आने वाले अधिकांश कमेंट्स में लोगों ने अंजना की आलोचना ही की है। लोगों का कहना है कि रिपोर्टिंग के नाम पर अंजना ने जिस तरफ आईसीयू में घुसकर डॉक्टरों के साथ अभद्रता की, उसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।
आरती आर्य नामक डॉक्टर ने तो अंजना से अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। उन्होंने आगे लिखा है कि व्यवस्था में सुधार के लिए जिम्मेदार लोगों से सवाल पूछिए। इसी तरह शाश्वत सिंह ने लिखा है, ‘हमें आपके सम्मान की कोई जरूरत नहीं, जाकर देखिये कि डॉक्टरों को सोने के लिए कितना समय मिलता है, उन्हें क्या सुविधाएं मिलती हैं।’ रिक्की चौहान ने भी अंजना को खरी-खोटी सुनाई है। उन्होंने लिखा है, ‘अपने आईसीयू वाले विडियो को 15 सेकंड देख लीजिये, समझ आ जायेगा कि डॉक्टर उस वक़्त भी काम कर रहे थे, यदि आप बकवास न करतीं तो शायद एक और बच्चे की जान बच जाती।’
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