पटना में आज मोदी जी की रैली थी. इसमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार से लेकर रामविलास पासवान भी थे. यानि यह सिर्फ बीजेपी की नहीं बल्कि एनडीए की रैली थी. बिहार के वरिष्ठ पत्रकार पुष्य मित्र ने जब रैली फ्लॉप होने की बात कही और इसके समर्थन में कुछ तस्वीरें-वीडियो जारी करना शुरू किया तो बीजेपी के आईटी सेल वालों को मिर्ची लग गई.

पत्रकार पुष्य मित्र ने लिखा- ”बीजेपी की रैली इतनी फ्लॉप होगी, अंदाजा नहीं था। पूरी रैली के दौरान गांधी मैदान कभी एक तिहाई भी भर नहीं पाया। लोग रामविलास पासवान के भाषण के वक़्त ही उठकर जाने लगे थे। मोदी जी शुरू हुये तो बून्दबदी भी शुरू हो गयी और भागदड़ मच गयी। मैदान पूरा खाली हो गया।”

इसके बाद जब भक्त लोग उन्हें ट्रोल करने लगे और तरह तरह के कमेंट्स करने लगे तो पुष्य मित्र ने कहा- ”मैं जो देखकर आया वह बता रहा हूं, अपनी बात किसी पर थोप नहीं रहा, आपको गलत लग रहा हो तो इग्नोर कीजिये, गाली गलौज करके अपनी जुबां क्यों खराब कर रहे. हां, सच यह भी है कि सोशल मीडिया पर जो लोग हमें गाली देते हैं, ट्रॉल करते हैं, वे भी जमीनी हकीकत पता करने के लिये हमलोगों पर ही आश्रित हैं… उनको अपने पक्ष की विश्वसनीयता का अंदाजा है.”

देखें वीडियो-



पुष्य मित्र ने रैली से पहले जो एक पीस लिखा था, वह इस प्रकार है-


Pushya Mitra : आज पटना के गांधी मैदान में NDA की संकल्प रैली है. मोदी जी आने वाले हैं. उनके स्वागत मे पूरा पटना फ्लेक्स से अटा पड़ा है. दावा है कि इतनी भीड़ आयेगी कि गांधी मैदान छोटा पड़ जायेगा. जैसा कि इस तरह कि रैलियों मे होता है, लोग एक रोज पहले ही पहुंच जाते हैं. क्योंकि रात में मंत्रियों के घर बेहतरीन इन्तजाम होता है. बढिया खाना पीना, नाच गाना. इस रैली में भी कल रात डेढ लाख लोगों के भोजन, आनन्द और रात्रि विश्राम कि व्यव्स्था की गयी थी. कल उसी व्यव्स्था को और लोगों की भीड़ को देखने मैं शास्त्री नगर और पुनायचक वाले इलाके में रात साढे नौ बजे निकला. सोचा था कि कुछ बातचीत हो जायेगी. माहौल का अंदाजा हो जायेगा. मगर अफसोस इस इलाके के सारे बंगले खाली पड़े थे. एक बंगले के आगे नेताजी अपने सहयोगियों के साथ खड़े थे, जैसे किसी का इन्तजार कर रहे हों. मुमकिन है, म्यूनिंग्स जोन वाले बंगलों में भीड़ हो. मगर लालू जी की रैली होती तो इन बंगलों में भी काफी गहमा गहमी रहती है. इस वक़्त तो सड़कें उनके समर्थकों से अटी पड़ी रहती है. नारे बाजी होने लगती है, आज वह चार्ज माहौल दिख नहीं रहा. हो सकता है लोग देर से पहुंचें, अभी कुछ कहना ठीक नहीं. हाँ, गांधी मैदान छोटा पड़ने की बात मुमकिन नहीं लगता. तीन चौथाई भर जाये वही बड़ी उपलब्धि होगी.

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