डिजिटल मीडिया पर हिट होना है? रामबाण ट्रिक आ गया है बाजार में.... फर्जी खबर को सनसनीखेज बनाकर ब्रेक करिए, आपके चैनल का नाम तो लोगों के जेहन में चला ही जाएगा।

हिट होने का ऐसा ही कुछ हथकंडा अपनाया है बिहार के एक न्यूज पोर्टल मौर्या न्यूज़ 18 डॉट कॉम ने। टारगेट भी छोटा मोटा नहीं बल्कि बिहार के डीजीपी और मीडिया के भाषा में कहें तो टीआरपी एलिमेंट गुप्तेश्वर पांडेय को चूज किया।

मौर्या न्यूज 18 डॉट कॉम ने फर्जी खबर चलाई, जिसका हेडर था:  बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने दिया इस्तीफा, लड़ सकते हैं चुनाव

यानी उक्त वेबसाइट के अनुसार डीजीपी ने इस्तीफा दे दिया है और चुनाव लड़ने की संभावना है।

मीडिया में यह खबर आते ही बांकी चैनल वालों ने पुष्टि के लिए पुलिस विभाग क सूत्रों से संपर्क किया, सूत्रों के भी होश उड़ गए। खबर थी ही कुछ ऐसी। खुद डीजीपी को भी नहीं पता था कि उन्होंने इस्तीफा कब दिया। इस्तीफा कोई हलवा चटनी तो है नहीं कि खाए और भूल गए।


गुप्तेश्वर पांडेय ने भी आनन फानन में ट्वीट कर इस फर्जी खबर का खंडन किया और चैनल के साथ-साथ पत्रकारिता को भी फटकार लगाई। अब डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को मामले की जांच कर उक्त वेबसाइट के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि आगे से कोई भी वेबसाइट इस तरह की खबरें या कोई भी खबर बिना आधिकारिक पुष्टि के ब्रेक करने से पहले सौ बार सोचे।

फर्जी खबर प्रसारित करने वाले उक्त वेबसाइट का संचालन नयन कुमार नाम के कोई फर्जी पत्रकार करते हैं। हां, फर्जी क्योंकि फर्जी खबर चलाने का काम फर्जी पत्रकार ही कर सकता है। हालांकि, फर्जी पत्रकार नयन कुमार ने अपना बॉयोडाटा काफ़ी लंबा चौड़ा बताया है, पत्रकारिता में 20 वर्ष का अनुभव। दैनिक भास्कर, जागरण, से लेकर ज़ी न्यूज़ तक में काम करने का दावा करते हैं। इस दावे में कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि बिहार4मीडिया नहीं करता है।

इस्तीफे की खबर फर्जी साबित होने के बाद उक्त वेबसाइट ने अपने खबर का खंडन करते हुए खेद व्यक्त किया। शुद्ध बिहारी भाषा में कहें तो थूक कर चाट लिया।


खंडन की खबर में नयन कुमार ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के साथ अपनी एक फोटो अपलोड करते हुए लिखा है, गुरूवार 20 अगस्त 2020 को मौर्य न्यूज18 से खास मुलाकात की ये तस्वीर है। ये तस्वीर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के सरकारी आवास पर ली गई।

यानी, साफ है फर्जी खबर चलाने वाले इस वेबसाइट के पत्रकार की पहुँच डीजीपी के आवास तक है और मुलाकात के सिर्फ चार दिन बाद ही फर्जी खबर चला दिया कि डीजीपी साहब इस्तीफा दे रहे हैं। हालांकि, जब पहुंच साहब के आवास तक है तो फोन लगाकर इस्तीफे की पुष्टि कर लेना चाहिए था।

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय उक्त वेबसाइट पर उचित कार्रवाई करें ताकि आगे से पत्रकारिता क्षेत्र में फेक न्यूज़ के बढ़ते प्रचलन पर रोक लगे और एक मिसाल कायम हो।

Post a Comment

Previous Post Next Post