देश के तमाम बड़े मीडिया संस्थानों में बिहार के पत्रकारों का दबदबा कायम है. यूं तो पत्रकारिता का गढ़ बिहार को माना ही जाता है लेकिन इसके अलावे जब बात देश और बिहार की राजनीति की होती है तो यह सर्वविदित है बिहार के बिना देश की राजनीति की दशा-दिशा तय नहीं होती. लेकिन इस बिहार के लिए राजनितिक या समसामयिक खबरों में ख़ुशी का क्षण हो या गम का... वह सबसे पहले पता किसे चलता है. आखिर बिहार को सबसे पहले पढ़ता कौन है ? आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बिहार एक उन पत्रकारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके खबरों से बिहार की तबियत ख़बरों में लिखी जाती है. 


सुरेन्द्र किशोर, वरिष्ठ पत्रकार 
सुरेन्द्र किशोर बिहार के वरिष्ठ पत्रकार हैं. आज, जनसत्ता, हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के साथ लंबे अरसे तक जुड़े रहे. अभी स्वतंत्र लेखन करते हैं. सुरेन्द्र किशोर के आलेख देश-दुनिया में छपते हैं. बिहार में कहा जाता है कि सुरेन्द्र किशोर के पास ख़बरों की कतरन का जितना बड़ा संसार है, वैसा किसी दूसरे के पास नहीं. इसलिए जो लिखते हैं, उसमें रेफरेंस तो दिखता ही है, तथ्यों प्रमाणिकता भी अकाट्य होती है.

मनीष कुमार, NDTV
मनीष कुमार NDTV के बड़े रिपोर्टर हैं. फैमिली बैकग्राउंड भी शानदार जर्नलिज्म का है, सो बिहार की नब्ज को तेजी से टटोल लेते हैं. बिहार की कई बड़ी रिपोर्टिंग मनीष के नाम हैं. माना जाता है कि मनीष कुमार ने बोल दिया है, तो सच ही बोलेंगे. NDTV के नेचर के मुताबिक़ ख़बरों में झोल कम, सीधी बातें अधिक होती हैं.

सुजीत कुमार झा, आज तक
सुजीत कुमार झा सबसे तेज माने जाने वाले चैनल ‘आज तक’ के रिपोर्टर से अब संपादक बन चुके हैं. सबसे पहले के साथ-साथ सभी तरीकों के खुलासे भी करते रहते हैं. जन्म के साथ मन से बिहारी हैं, इसलिए जब बिहार को कोई बात चुभती है, तो सुजीत सबसे आगे निकल रिपोर्टिंग करते दिखते हैं.

अरुण अशेष, वरिष्ठ पत्रकार
अरुण अशेष संघर्ष से पैदा हुए पत्रकार हैं. जनशक्ति, आज, हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर के साथ लंबी पारी खेली है. पोलिटिकल रिपोर्टिंग पर विशेष पकड़ है. अरुण अशेष के बारे में बताया जाता है कि जब वे मिथिला से पटना आये थे, तो पत्रकार बनने के पहले गांधी मैदान के बांकीपुर बस डिपो में सुबह अखबार बेचा करते थे.


प्रकाश कुमार, ABP न्यूज़
प्रकाश कुमार टीवी की पत्रकारिता में बिहार के जाने-माने नाम हैं. ABP न्यूज़ से जुड़े हैं. प्रकाश की रिपोर्टिंग में सदैव जुझारूपन दिखा है. कई ऐसे मौके आये हैं, जब प्रकाश की ख़बरों ने बिहार की सत्ता में कोहराम मचा दिया है.

विनोद बंधु, हिन्दुस्तान
विनोद बंधु बिहार के सबसे बड़े समाचार पत्र समूह ‘हिन्दुस्तान’ के राजनैतिक संपादक हैं. मधुबनी से आते हैं. लंबा अनुभव है. देश के कई प्रदेशों में काम कर चुके हैं. जाहिर तौर पर जब राजनैतिक संपादक हैं, तो बिहार की राजनीति के थर्मामीटर को तेजी से पढ़ लेते हैं.

प्रभाकर कुमार, नेटवर्क 18
प्रभाकर कुमार नेटवर्क 18 के साथ-साथ ETV बिहार-झारखंड के मुखिया हैं. ख़बरों की सबसे मजबूत नेटवर्किंग के लीडर भी. प्रभाकर ट्विटर पर भी खासे पॉपुलर हैं. बड़ी बात यह कि कुछ महीने पूर्व बिहार में ETV की नैया जब डगमगा रही थी, तो प्रभाकर ही थे, जिसने सबकुछ समय रहते संभाल लिया.

कुमार प्रबोध, ZEE बिहार-झारखंड
कुमार प्रबोध का मतलब ही खबर है. खबर भी कमजोरी से नहीं, बुलंदी के साथ. सामने वाला कठिन सवालों से हक्का-बक्का हो जाता है. प्रबोध ZEE टीवी बिहार-झारखंड के संपादक रहने के अलावे ETV में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके हैं. उनकी मेहनत का ही परिणाम था कि जिस चैनल से वह जब भी जुड़े रहे उस चैनल को लोग जानने और नोटिस करते रहे हैं.

कन्हैया भेलारी, स्वतंत्र पत्रकार
कन्हैया भेलारी तो पहले अंग्रेजी के पत्रकार थे, लेकिन अब हिंदी में भी सबों को ठांसने लगे हैं. ठेठ बिहारी शब्दों का प्रयोग इनकी पहचान बनती जा रही है. पहले The Week के बिहार रिपोर्टर थे, पर अब कई हिंदी संस्थानों के लिए लगातार लिख रहे हैं. भोजपुरी मुहावरों का खुला प्रयोग करते हैं.

अविनाश चन्द्र मिश्र, समकालीन तापमान
अविनाश चन्द्र मिश्र कभी ‘आज’ अखबार के स्थानीय संपादक थे. बाद में अपनी पत्रिका ‘समकालीन तापमान’ का प्रकाशन शुरू किया. बिहार से प्रकाशित होने वाली पत्रिकाओं में ‘समकालीन तापमान’ ऐसी अकेली पत्रिका है, जिसकी गूंज बिहार में सुनी-सुनाई जाती है.

अमिताभ ओझा, न्यूज़ 24
अमिताभ ओझा ने शुरुआत अखबारों के लिए क्राइम रिपोर्टिंग से की थी, लेकिन बाद में न्यूज़ 24 के साथ जुड़ गए. अमिताभ ख़बरों को ब्रेक करना और तह तक जाने के लिए पहचाने जाते हैं. फेसबुक पर भी खूब एक्टिव रहते हैं.

संतोष सिंह, कशिश न्यूज़
संतोष सिंह बिहार-झारखंड के चैनल कशिश न्यूज़ के रिपोर्टिंग हेड हैं. संतोष ने ब्लाक रिपोर्टिंग से शुरुआत कर कम समय में इतनी लंबी दूरी तय की है. ख़बरों की पड़ताल करते हैं और अंजाम तक पहुंचाते हैं.

मधुरेश, दैनिक भास्कर
मधुरेश ने पत्रकारिता की शुरुआत ‘आज’ से की थी. आगे दैनिक जागरण होते हुए अभी दैनिक भास्कर में हैं. मानवीय संवेदनाओं को ठीक से समझने वाले पत्रकार माने जाते हैं. मधुरेश के बारे में कहा जाता है कि लिखने बैठ गए, तो कंप्यूटर भी हांफने लगता है. फिर स्पेस के हिसाब से वे ख़बरों को संतुलित करते हैं.

अरुण कुमार पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
अरुण कुमार पांडेय आज, हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर से होते हुए रिटायरमेंट के बाद संवाद एजेंसी ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से जुड़े हैं. न सिर्फ बिहार की राजनीतिक रिपोर्टिंग को धार देने वाले पुराने पत्रकार हैं, अपितु ट्रांसफर-पोस्टिंग की खबर को चलन में लाने वाले पहले रिपोर्टर भी माने जाते हैं.

भुवनेश्वर वात्स्यायन, दैनिक जागरण
भुवनेश्वर वात्स्यायन ‘दैनिक जागरण’ के सीनियर रिपोर्टर हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बीट को देखते हैं. जाहिर तौर पर, सरकार की खबर सबसे पहले पहुंचती है. ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए पूरे बिहार को घूम चुके हैं. VVIP कवरेज का जिम्मा भी संभालते हैं.

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